हरियाणा सरकार अग्निवीरों को ग्रुप सी भर्तियों में सीईटी परीक्षा से छूट देने पर विचार कर रही है। एक उच्च स्तरीय कमेटी इस पर पर मंथन कर रही हैं। सरकार पूर्व में अग्निवीरों को राज्य पुलिस और माइनिंग गार्ड के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण दें चुकी है। इसके अलावा ग्रूप सी पदों पर होने वाली भर्तीयों के लिए पांच फीसदी का आरक्षण देने का ऐलान भी हो चुका है। हरियाणा में अग्निवीरों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, नायब सरकार सरकारी नौकरियों में अग्निवीरों को छूट की तैयारी कर रही है। हरियाणा में ग्रुप सी की भर्तियों के दौरान अग्निवीरों को सीईटी की परीक्षा से छूट मिल सकती है। इस बाबत सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा गठित आइएएस अधिकारियों की उच्च स्तरीय कमेटी ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से सरकार को सीईटी के नियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव भेज दिया गया है। अग्निवीरों की नौकरी को लेकर विपक्ष प्रदेश में लगातार मुद्दा बना रहा है। कांग्रेस पहले ही एलान कर चुकी है कि सत्ता में आने के बाद इस योजना को बंद किया जाएगा। ऐसे में सरकार लगातार अग्निवीरों को राहत देने में लगी हुई है। ग्रुप - सी में 5 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान ÷
सरकार पूर्व में अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती एवं माइनिंग गार्ड भर्ती के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला कर चुकी है। इसके अलावा ग्रुप सी पदों पर होने वाली भर्तियों के लिए पांच फीसदी का आरक्षण देने का ऐलान भी हरियाणा सरकार पहले कर चुकी है। इन भर्तियों में भाग लेने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में भी छूट देने का ऐलान किया गया है।
इसके तहत अग्निवीरों को तीन वर्ष अतिरिक्त वर्षों की छूट भी सरकार दे रही है। ऐसे अग्निवीर जो चार साल के बाद नौकरी से बाहर हो जाएंगे और अपना खुद का कारोबार करेंगे तो उनके लिए ब्याज रहित लोन उपलब्ध करवाने की घोषणा भी सरकार कर चुकी है। सरकार का बड़ा फैसला ÷ राज्य सरकार के अलावा कई भर्तियों में केंद्र सरकार की ओर से अग्निवीरों को पहले ही आरक्षण दिया जा चुका है। हरियाणा सरकार की ओर से प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी करने वाले अग्निवीरों को राहत दी गई है। अब सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है।
अग्निवीरों को ग्रुप सी की भर्तियों में सीईटी टेस्ट से छूट दिए जाने की योजना लागू करने की दिशा में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। बहुत जल्द इस संबंध में फैसला लेकर सरकार प्रस्ताव को कैबिनेट में लेकर आ सकती है। ✍️ MANJEET SANSANIWAL