https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1494766442523857 सफेद दाग़ की संपूर्ण जानकारी

सफेद दाग़ की संपूर्ण जानकारी

0

 सफेद दाग़ की संपूर्ण जानकारी 



सफेद दाग़ की संपूर्ण जानकारी







👉   हर किसी का सपना होता है कि उसका चेहरा साफ सुथरा दिखें। लेकिन जब चेहरे पर सफेद दाग़ हो जाते हैं तो सुंदरता पर नजर - सी लग जाती है। तो इस आर्टिकल की मदद से आपको सफेद दाग़ की संपूर्ण जानकारी प्रदान करने की कोशिश करेंगे। सफेद दाग़ क्या है। सफेद दाग़ कितने प्रकार के होते हैं। सफेद दाग़ होने के कारण क्या है। सफेद दाग़ के लक्षण क्या हैं। सफेद दाग़ में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। सफेद दाग़ कितना ख़तरनाक है। सफेद दाग़ में डाॅक्टर से कब मिलना चाहिए। सफेद दाग़ होने पर क्या खाना चाहिए। सफेद दाग़ होने पर क्या नहीं खाना चाहिए। सफेद दाग़ से क्या हानियां हो सकती है। सफेद दाग़ होने पर डॉक्टर द्वारा दि जाने वाली दवाएं। सफेद दाग़ होने पर आयुर्वेदिक इलाज क्या है आदि की संपूर्ण जानकारी मिलेगी।



1.सफेद दाग़ क्या है ➡️ 


सफ़ेद दाग, जिसे विटिलिगो भी कहा जाता है, एक त्वचा रोग है जिसमें त्वचा पर सफ़ेद धब्बे दिखाई देते हैं। यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर 20 वर्ष की आयु से पहले शुरू होता है। विटिलिगो एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसका मतलब है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही ऊतकों पर हमला करती है। विटिलिगो में, प्रतिरक्षा प्रणाली मेलानोसाइट्स नामक कोशिकाओं पर हमला करती है, जो त्वचा को रंग देती हैं। जब मेलानोसाइट्स नष्ट हो जाते हैं, तो त्वचा अपना रंग खो देती है और सफ़ेद धब्बे दिखाई देते हैं।




2.सफेद दाग़ कितने प्रकार के होते हैं ➡️


सफ़ेद दाग़ मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:

 1. सामान्यीकृत विटिलिगो: यह सबसे आम प्रकार का विटिलिगो है, जिसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों पर सफ़ेद दाग होते हैं। ये दाग़ कहीं भी हो सकते हैं और कभी भी बढ़ या रुक सकते हैं।

 2. सेगमेंटल विटिलिगो: इस प्रकार का विटिलिगो शरीर के किसी खास हिस्से में होता है, जैसे कि हाथ, पैर, या चेहरे का एक तरफ़। यह आमतौर पर धीरे-धीरे फैलता है और एक निश्चित क्षेत्र तक ही सीमित रहता है।

 3. फोकल विटिलिगो: इस प्रकार के विटिलिगो में छोटे-छोटे सफ़ेद दाग होते हैं जो शरीर के कुछ खास हिस्सों में होते हैं। ये दाग़ आकार में छोटे होते हैं और ज़्यादा नहीं फैलते हैं।

यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि सफ़ेद दाग़ के प्रकार और गंभीरता व्यक्ति के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। यदि आपको सफ़ेद दाग़ के बारे में कोई चिंता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।



3.सफेद दाग़ होने के कारण क्या है ➡️ 


 सफ़ेद दाग़ होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:-

 1. आनुवंशिकता   कुछ लोगों में, सफ़ेद दाग़ की प्रवृत्ति पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।

 2. ऑटोइम्यून विकार इस स्थिति में, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही मेलानोसाइट्स (त्वचा कोशिकाओं को रंग देने वाले कोशिकाएं ) पर हमला करती है।

 3. तनाव कुछ लोगों में, तनाव सफ़ेद दाग़ को ट्रिगर कर सकता है।

 4. सनबर्न गंभीर सनबर्न से भी सफ़ेद दाग़ हो सकते हैं।

 5. रासायनिक संपर्क  कुछ रसायनों के संपर्क में आने से भी सफ़ेद दाग़ हो सकते हैं।

सफ़ेद दाग़ के कुछ अन्य संभावित कारण भी हैं, जैसे कि थायराइड रोग, विटिलिगो और कुछ दवाएँ। यदि आपको सफ़ेद दाग़ हो रहे हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप डॉक्टर से मिलें ताकि वे कारण का पता लगा सकें और आपके लिए सबसे अच्छा उपचार निर्धारित कर सकें।



4.सफेद दाग़ के लक्षण क्या हैं ➡️ 


सफ़ेद दाग के लक्षण:-

 1. त्वचा पर सफ़ेद या हल्के रंग के धब्बे होना। ये धब्बे शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर चेहरे, होंठ, हाथ, पैर और जननांगों पर होते हैं।

 2. धब्बों का आकार और संख्या अलग-अलग हो सकती है। कुछ लोगों को छोटे-छोटे धब्बे होते हैं, जबकि कुछ लोगों को बड़े-बड़े धब्बे होते हैं।

 3. धब्बे समय के साथ बढ़ सकते हैं या नए धब्बे बन सकते हैं।

 4. कुछ लोगों को धब्बों में खुजली हो सकती है।

 5. सफ़ेद दाग कोई दर्दनाक या संक्रामक रोग नहीं है, लेकिन यह व्यक्ति के आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकता है।



5.सफेद दाग़ कितना ख़तरनाक है ➡️ 


सफ़ेद दाग़ अपने आप में ख़तरनाक नहीं है, लेकिन यह कुछ समस्याएं पैदा कर सकता है:-

 1. सामाजिक और भावनात्मक समस्याएं: सफ़ेद दाग़ वाले लोगों को अक्सर भेदभाव और सामाजिक अलगाव का सामना करना पड़ता है। इससे उन्हें तनाव, चिंता और अवसाद हो सकता है।

 2. धूप के प्रति संवेदनशीलता: सफ़ेद दाग़ वाली त्वचा धूप के प्रति अधिक संवेदनशील होती है और आसानी से सनबर्न हो सकती है।

 3. अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां: सफ़ेद दाग़ वाले लोगों में अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है, जैसे कि थायराइड रोग और मधुमेह।

अगर आपको सफ़ेद दाग़ है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है। वे आपको इसके बारे में और जानकारी दे सकते हैं और आपको इसके इलाज के विकल्पों के बारे में बता सकते हैं।



6.सफेद दाग़ होने पर डॉक्टर से कब मिलना चाहिए ➡️ 


 अगर आपको अपने शरीर पर सफेद दाग नज़र आ रहे हैं, तो डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है। सफ़ेद दाग कई कारणों से हो सकते हैं, जिनमें से कुछ हानिरहित हैं, जबकि कुछ को इलाज की ज़रूरत होती है।

डॉक्टर से कब मिलें:-

 1. अगर दाग तेज़ी से फैल रहे हैं: अगर आपके दाग़ अचानक से बढ़ने लगे हैं या नए दाग़ निकल रहे हैं, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

 2. अगर दाग़ों में खुजली या जलन हो रही है: अगर दाग़ों के साथ खुजली, जलन, या कोई और तकलीफ़ हो रही है, तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है।

 3. अगर दाग़ चेहरे या गुप्तांगों पर हैं: चेहरे या गुप्तांगों पर हुए दाग़ों को डॉक्टर को दिखाना चाहिए, क्योंकि इन जगहों के दाग़ों का इलाज अलग तरीके से किया जा सकता है।

 4. अगर आपको कोई और बीमारी है: अगर आपको कोई और बीमारी है, जैसे कि थायरॉइड या ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, तो सफ़ेद दाग होने पर डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

डॉक्टर से सलाह क्यों ज़रूरी है:

 1. सही निदान  डॉक्टर आपकी त्वचा की जांच करके सफ़ेद दागों का सही कारण पता लगा सकते हैं।

 2. सही इलाज  सफ़ेद दागों का इलाज उनके कारण पर निर्भर करता है। डॉक्टर आपको सही इलाज बता सकते हैं, जिससे दाग़ों को बढ़ने से रोका जा सके और उन्हें ठीक किया जा सके।

 4. मनोवैज्ञानिक  सफ़ेद दाग़ कई बार लोगों को तनाव और चिंता दे सकते हैं। डॉक्टर आपको इस समस्या से निपटने के लिए मनोवैज्ञानिक  भी दे सकते हैं।

कुछ सामान्य बातें:-

 1. सफ़ेद दाग़ कोई छूत की बीमारी नहीं है।

 2. सफ़ेद दाग़ों का इलाज संभव है, खासकर अगर शुरुआत में ही ध्यान दिया जाए।

 3. कुछ घरेलू उपचार सफ़ेद दाग़ों को कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

यह जानकारी सिर्फ़ आम जानकारी के लिए है और डॉक्टर की सलाह की जगह नहीं ले सकती।



7.सफेद दाग़ होने पर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ➡️ 


 यहां सफेद दाग होने पर कुछ सावधानियां दी गई हैं:-

 1. धूप से बचाव  सफेद दाग वाले क्षेत्रों को सीधी धूप से बचाना बहुत ज़रूरी है। तेज़ धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन ज़रूर लगाएं।

 2. तनाव से दूर रहें: तनाव भी सफेद दाग बढ़ने का एक कारण हो सकता है। इसलिए तनाव से दूर रहने की कोशिश करें।

 3. सही खान-पान: अपनी डाइट में पौष्टिक आहार शामिल करें। फल, सब्ज़ियां, और प्रोटीन से भरपूर खाना खाएं।

 4. घरेलू उपचार  कुछ घरेलू उपचार जैसे नारियल का तेल और एलोवेरा जेल भी सफेद दाग को कम करने में मदद कर सकते हैं।

  डॉक्टर से सलाह  सबसे ज़रूरी है कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लें। वो आपको सही उपचार और सावधानियां बता पाएंगे।



8.सफेद दाग़ होने पर क्या खाना चाहिए ➡️ 


 1.अनाज पुराना चावल , गेहूं , जौ

    दाल , अरहर , मूंग

   1. फल एवं सब्जियां नींबू , हल्दी , सहजन ( शिग्रु ) टिंडा , अनार , परवल , लौकी , करेला , तोरई , शहद आदि खां सकते हैं 

2.अन्य ढुंढी , अदरक , सौंप , हींग , काला नमक , 1 चम्मच एरंड तेल गुनगुने पानी के साथ , लहसुन ,जीरा , जाथफल ,शहद आदि खां सकते हैं।

   

 2. सफ़ेद दाग़ के इलाज के लिए डाइट प्लान:-

   1. नाश्ता: 1 कप पतंजलि दिव्य पेय + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट / पोहा /उपमा (सूजी ) / पतंजलि दलिया/ अंकुरित अनाज / 2 पतली रोटी (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी सब्जी/1 प्लेट फलों का सलाद (सेब, पपीता, अनार)

   2. दिन का भोजन: 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा )+1 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई ) + 1 कटोरी दाल +1 प्लेट सलाद

   3. शाम का नाश्ता: 1 कप पतंजलि दिव्य पेय + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट + 1कटोरी कॉर्न फ्लैक्स या शाकाहारी सूप

   4. रात का भोजन: 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (रेशेदार) + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली)




9.सफेद दाग़ होने पर क्या नहीं खाना चाहिए ➡️ 


सफ़ेद दाग़ होने पर कुछ चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए, ताकि बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके और इलाज में मदद मिल सके. यहां कुछ चीज़ें हैं जिनसे परहेज़ करना चाहिए:-

 1. खट्टे फल नींबू, संतरा, आदि जैसे खट्टे फलों से परहेज़ करें, क्योंकि ये दागों को बढ़ा सकते हैं।

 2. डेरी उत्पाद दूध, दही, पनीर, आदि जैसे डेरी उत्पादों का सेवन सीमित करें, क्योंकि कुछ लोगों में ये दागों को बढ़ा सकते हैं।

 3. मसालेदार भोजन मसालेदार भोजन से परहेज़ करें, क्योंकि ये त्वचा में जलन पैदा कर सकता है और दागों को बढ़ा सकता है।

 4. मांस: लाल मांस और प्रोसेस्ड मांस से परहेज़ करें, क्योंकि इनमें कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो दागों को बढ़ा सकते हैं।

 5. शराब: शराब का सेवन बिल्कुल न करें, क्योंकि ये त्वचा के लिए हानिकारक है और दागों को बढ़ा सकती है।

इसके अलावा, कुछ और चीज़ें हैं जिनसे परहेज़ करना चाहिए:-

 1. तनाव: तनाव से दूर रहें, क्योंकि ये बीमारी को बढ़ा सकता है।

 2. धूप सीधी धूप में ज़्यादा देर तक न रहें, क्योंकि ये दागों को और बढ़ा सकती है।

 3. कॉस्मेटिक्स ऐसे कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल न करें जिनमें हानिकारक केमिकल्स हों, क्योंकि ये त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

यह भी ध्यान रखें कि हर व्यक्ति के लिए परहेज़ अलग-अलग हो सकता है. इसलिए, डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें कि आपको किन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए।



10.सफेदा होने पर होने वाली हानियां क्या है ➡️ 

 सफ़ेद दाग़ से होने वाली कुछ हानियां इस प्रकार हैं:-

 1. सामाजिक समस्याएं: सफ़ेद दाग़ वाले लोगों को समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है। कुछ लोग उन्हें अछूत या बीमार समझ सकते हैं। इस कारण से, सफ़ेद दाग़ वाले लोग अक्सर सामाजिक समारोहों में जाने से कतराते हैं और अकेलेपन का शिकार हो सकते हैं।

 2. मनोवैज्ञानिक समस्याएं: सफ़ेद दाग़ के कारण कुछ लोगों में आत्मविश्वास की कमी, तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं। वे अपने शरीर के बारे में नकारात्मक महसूस कर सकते हैं और हीन भावना से ग्रस्त हो सकते हैं।

 3. धूप से जलन: सफ़ेद दाग़ वाली त्वचा धूप के प्रति अधिक संवेदनशील होती है। इसलिए, इन लोगों को धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए।

 4. अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: कुछ मामलों में, सफ़ेद दाग़ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कि थायराइड रोग, मधुमेह और एनीमिया के साथ जुड़ा हो सकता है।

यदि आपको सफ़ेद दाग़ है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपको इस रोग के बारे में पूरी जानकारी दे सकते हैं और इसके इलाज के लिए सबसे अच्छा तरीका बता सकते हैं

 सफ़ेद दाग़ से होने वाली कुछ हानियां इस प्रकार हैं:-

 1. सामाजिक समस्याएं: सफ़ेद दाग़ वाले लोगों को समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है। कुछ लोग उन्हें अछूत या बीमार समझ सकते हैं। इस कारण से, सफ़ेद दाग़ वाले लोग अक्सर सामाजिक समारोहों में जाने से कतराते हैं और अकेलेपन का शिकार हो सकते हैं।

 2. मनोवैज्ञानिक समस्याएं: सफ़ेद दाग़ के कारण कुछ लोगों में आत्मविश्वास की कमी, तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं। वे अपने शरीर के बारे में नकारात्मक महसूस कर सकते हैं और हीन भावना से ग्रस्त हो सकते हैं।

 3. धूप से जलन: सफ़ेद दाग़ वाली त्वचा धूप के प्रति अधिक संवेदनशील होती है। इसलिए, इन लोगों को धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए।

 4. अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: कुछ मामलों में, सफ़ेद दाग़ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कि थायराइड रोग, मधुमेह और एनीमिया के साथ जुड़ा हो सकता है।

यदि आपको सफ़ेद दाग़ है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर आपको इस रोग के बारे में पूरी जानकारी दे सकते हैं और इसके इलाज के लिए सबसे अच्छा तरीका बता सकते हैं।




11.सफेद दाग़ होने पर डॉक्टर द्वारा दि जाने वाली दवाएं ➡️


 सफ़ेद दाग़ होने पर डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली दवाएँ कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जैसे कि दाग़ का कारण, गंभीरता और रोगी की उम्र। यहां कुछ सामान्य दवाएँ दी गई हैं जो सफ़ेद दाग़ के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती हैं:-

 1. कोर्टिकोस्टेरॉइड्स - ये दवाएँ सूजन को कम करने और त्वचा के रंग को वापस लाने में मदद कर सकती हैं। वे क्रीम, लोशन या इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध हैं।

 2. कैल्सीनुरिन इनहिबिटर्स - ये दवाएँ भी सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं और कोर्टिकोस्टेरॉइड्स के समान प्रभाव डाल सकती हैं। वे क्रीम या मलहम के रूप में उपलब्ध हैं।

 3. फोटोथेरेपी इस उपचार में, त्वचा को यूवीबी प्रकाश की एक नियंत्रित मात्रा में उजागर किया जाता है। यह त्वचा के रंग को वापस लाने में मदद कर सकता है।

 4. लेजर थेरेपी यह उपचार त्वचा के रंग को वापस लाने के लिए लेजर का उपयोग करता है। यह फोटोथेरेपी की तुलना में अधिक लक्षित उपचार है।

 5. सर्जिकल उपचार - कुछ मामलों में, सफ़ेद दाग़ का इलाज सर्जरी से किया जा सकता है। इसमें त्वचा के प्रभावित क्षेत्र को हटाना या त्वचा के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में त्वचा का प्रत्यारोपण करना शामिल हो सकता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सफ़ेद दाग़ के इलाज में समय लग सकता है। धैर्य रखना और डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है।



12.सफेद दाग़ में आयुर्वेदिक इलाज क्या है ➡️ 



 सफेद दाग का ईलाज :-


एक मुट्ठी काले चने, १२५ मिली पानी में डाल दे सुबह ८-९ बजे डाल दे.... उसमे १० गरम त्रिफला चूर्ण डाल दे, २४ घंटे वो पड़ा रहे ...ढक के रह दे ... २४ घंटे बाद वो छाने जितना खा सके चबाकर के खाये.... सफ़ेद दाग जल्दी मिटेंगें और होमियोपैथीक दवा लें, सफ़ेद दाग होमियोपैथी से जल्दी मिटते है ।


 


1. शरीर का विषैला तत्व बाहर निकलने से न रोकें जैसे- मल, मूत्र, पसीने पर डीयो न लगायें।


2. मिठाई, रबडी , दूध व दही का एक साथ सेवन न करें।


3. गरिष्ठ भोजन न करें जैसे उडद की दाल, मांस व मछली।


4. भोजन में खटाई, तेल मिर्च,गुड का सेवन न करें।


5. अधिक नमक का प्रयोग न करें।


6. ये रोग कई बार वंशानुगत भी होता है।


7. रोज बथुआ की सब्जी खायें , बथुआ उबालकर उसके पानी से सफेद दाग़ को धोयें कच्चे बथुआ का रस दो कप निकाल कर आधा कप तिल मिलाकर धीमी आंच पर पकायें जब सिर्फ तेल रह जाये तब उतार कर शीशी में भर लें। इसे लगातार लगाते रहें । ठीक होगा धैर्य की जरूरत है।


8. अखरोट खूब खायें। इसके खाने से शरीर के विषैले तत्वों का नाश होता है। अखरोट का पेड़ अपने आसपास की जमीन को काली कर देती है ये तो त्वचा है। अखरोट खाते रहिये लाभ होगा।


9.रिजका सौ ग्राम , रिजका सौ ग्राम ककड़ी का रस मिलाकर पियें दाद ठीक होगा।


10. लहसुन के रस में हरड घिसकर लेप करें तथा लहसुन का सेवन भी करते रहने से दाग मिट जाता है।


11. लहसुन के रस में हरड को घिसकर कर लेप करें साथ साथ सेवन भी करें।


12. पानी में भीगी हुई उडद की दाल पीसकर सफेद दाग पर चार माह तक लगाने से दाद ठीक हो जायेगा।


13. तुलसी का तेल बनायें, जड़ सहित एक हरा भरा तुलसी का पौधा लायें, धोकर कूटपीस लें रस निकाल लें। आधा लीटर पानी आधा किलो सरसों का तेल डाल कर पकायें हल्की आंच पर सिर्फ तेल बच जाने पर छानकर शीशी में भर लें। ये तेल बन गया अब इसे सफेद दाग पर लगायें।


14. नीम की पत्ती, फूल, निंबोली, सुखाकर पीस लें प्रतिदिन फंकी लें।सफेद दाग के लिये नीम एक वरदान है। कुष्ठ जैसे रोग का इलाज नीम से सर्व सुलभ है। कोई बी सफेद दाग वाला व्यक्ति नीम तले जितना रहेगा उतना ही फायदा होगा नीम खायें, नीम लगायें ,नीम के नीचे सोये,नीम को बिछाकर सोयें, पत्ते सूखने पर बदल दें। पत्ते ,फल निम्बोली ,छाल किसी का भी रस लगायें वएक च. पियेंभी।जरूर फायदा होगा कारण नीम खु में एक एंटीबायोटिक है।ये अपने आसपास का वातावरण स्वच्छ रखता है। इसकी पत्तियों को जलाकर पीस कर उसकी राख इसी नीम के तेल में मिलाकर घाव पर लेप करते रहें। नीम की पत्ती, निम्बोली ,फूल पीसकर चालीस दिन तततक शरबत पियें तो सफेद दाग से मुक्ति मिल जायेगी। नीम की गोंद को नीम के ही रस में पीस कर मिलाकर पियें तो गलने वाला कुष्ठ रोग भी ठीक हो सकता है।




नोट   इस आर्टिकल में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए है और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।





                ✍️   मंजीत सनसनवाल 🤔 

 


 















एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

Followers

To Top