राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा वह उन देशों पर टैरिफ लगाने के लिए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे जो अमेरिका प्रैधोगिकी कम्पनियों पर डिजिटल सेवा कर लगाते है। उन्होंने कहा कि भारत कनाडा , चीन , और यूके जैसे देश अमेरिकी कम्पनियों की कमाई पर भारी शुल्क वसुलते है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह यूरोपीय संघ के तकनीकी विनियमों की जांच करेगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह उन देशों पर टैरिफ लगाने के लिए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे जो अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर डिजिटल सेवा कर लगाते हैं।
उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि कौन देश हमारी कंपनियों पर कितना शुल्क लगाता है, हम भी पलटवार करेंगे। गूगल और मेटा जैसी अमेरिकी टेक कंपनियों पर टैक्स लगाने वाले देशों पर भी जवाबी टैक्स लगेगा। उन्होंने कहा कि भारत, कनाडा, फ्रांस और यूके जैसे देश अमेरिकी कंपनियों की कमाई पर भारी शुल्क वसूलते हैं।
ट्रंप ने दिए जबावी कार्रवाई के निर्देश ➡️
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने राष्ट्रपति के आदेश का विवरण देते हुए कहा कि ट्रंप अपने प्रशासन को विदेशी सरकारों द्वारा अमेरिकी कंपनियों पर लगाए जाने वाले डिजिटल सेवा करों, जुर्माने, प्रक्रियाओं और नीतियों के विरूद्ध जवाबी कार्रवाई पर विचार करने का निर्देश दे रहे हैं।
डिजिटल सेवा कर अमेरिका के लिए एक दीर्घकालिक व्यापार समस्या ➡️
व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह यूरोपीय संघ के तकनीकी विनियमों की जांच करेगा। डिजिटल सेवा कर अमेरिका के लिए एक दीर्घकालिक व्यापार समस्या है। ट्रंप ने भारत-चीन जैसे देशों पर जवाबी कर लगाने की बात फिर दोहराई है। उन्होंने कहा कि इन देशों पर उतना ही टैरिफ लगाया जाएगा, जितना वे अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं।
डिजिटल टैक्स को लेकर ट्रंप ने कही ये बात ➡️
अधिकारी ने कहा, ''राष्ट्रपति ट्रंप विदेशी सरकारों को अपने लाभ के लिए अमेरिका के कर आधार को हड़पने की अनुमति नहीं देंगे।'' व्हाइट हाउस में जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वे डिजिटल करों के बाबत टैरिफ आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे, तो उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''हम ऐसा करने जा रहे हैं..डिजिटल टैक्स। डिजिटल टैक्स के मामले में दूसरे देश जो हमारे साथ कर रहे हैं, वह भयानक है। इसलिए हम इसकी घोषणा करने जा रहे हैं।''
रणनीति क्षेत्रों में चीनी निवेश को प्रतिबंधित करने का निर्देश ➡️
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जिसमें अमेरिका में विदेशी निवेश समिति को रणनीतिक क्षेत्रों में चीनी निवेश को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा ज्ञापन का उद्देश्य विदेशी निवेश को बढ़ावा देना है। साथ ही चीन जैसे विदेशी विरोधियों द्वारा उत्पन्न खतरों से अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा करना है।
अमेरिका की सुरक्षा को सीधा खतरा ➡️
आदेश में कहा गया है कि चीन ''अपनी सैन्य, खुफिया और सुरक्षा कार्रवाइयों को वित्तपोषित करने और उनका आधुनिकीकरण करने के लिए हमारी पूंजी और सरलता का दोहन कर रहा है। इससे अमेरिका की सुरक्षा को सीधा खतरा है।''
✍️ मंजीत सनसनवाल 🤔