चंडीगढ़ प्रशासन को गृह मंत्रालय ने चेतावनी दी है। हरियाणा विधानसभा के नए भवन के लिए जमीन ट्रांसफर के मुद्दे पर केंद्र भी अब हाथ खींच रहा है। जमीन की अदला - बदली नीति का शहर वासी भी विरोध कर रहे हैं। वहीं अब केंद्र सरकार ने चेताया है कि हरियाणा के नए विधानसभा भवन के लिए जमीन ट्रांसफर का माहौल खराब हो सकता है। हरियाणा विधानसभा के लिए नया भवन बनाने के लिए जमीन ट्रांसफर के मुद्दे पर केंद्र सरकार भी अब हाथ खींच रहा है। गृह मंत्रालय ने चंडीगढ़ प्रशासन को चेताया है कि यह मुद्दा माहौल खराब कर सकता है। मालूम हो कि जब से पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर इको सेंसेटिव जोन की रूकावटों को दूर किया है। तब से इस मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब के नेताओं के बीच विवाद शुरू हो गया है। जमीन की अदला-बदली नीति का शहर वासी भी विरोध कर रहे हैं। इस बीच प्रशासन को गृह मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि हरियाणा के नए राज्य विधानसभा भवन के लिए चंडीगढ़ की जमीन के प्रस्तावित हस्तांतरण का उपयोग सार्वजनिक अशांति भड़काने के लिए किया जा सकता है। जमीन देने का प्रस्ताव आने वाले दिनों में जोर पकड़ सकता है ÷ गृह मंत्रालय ने प्रशासन को लिखे पत्र में बताया कि इस मुद्दे पर पंजाब के राजनीतिक, धार्मिक और किसान नेताओं से तीव्र प्रतिक्रिया मिल रही है। पत्र में कहा गया चंडीगढ़ से हरियाणा को नई विधानसभा इमारत के लिए जमीन देने का प्रस्ताव आने वाले दिनों में और अधिक जोर पकड़ सकता है और विभिन्न राजनीतिक, धार्मिक और कट्टरपंथी नेता भावनाओं को भड़काने के लिए इसका उपयोग करेंगे। गृह मंत्रालय ने कहा है कि चंडीगढ़ का मुद्दा हमेशा से पंजाब और हरियाणा के लिए भावनात्मक रहा है, क्योंकि दोनों राज्यों ने इसे अपने अधिकार में होने का दावा किया है। मालूम हो कि पंजाब सरकार और यहां के नेता हरियाणा को जमीन देने के मामले में जमकर आपत्ति जाता रहे हैं। यहां के नेताओं ने इसे पंजाब के अधिकारों और हितों पर हमला करार दिया और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि किसी भी निर्णय से पहले पंजाब के सभी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों से परामर्श करें। भूमि अदला - बदली के लिए कोई निति नहीं ÷ हरियाणा सरकार के साथ भूमि अदला-बदली के मुद्दे प्रशासन का शहरी योजना विभाग ने कह चुका है कि चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 में ऐसी भूमि अदला-बदली के लिए कोई नीति निर्धारित नहीं है। रेलवे स्टेशन के पास विधानसभा बनाने के लिए जो जमीन चयनित की गई है, मास्टर प्लान 2031 में इस जमीन को हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आरक्षित रखा गया है।
यूटी उपायुक्त को पिछले साल लिखे एक पत्र में विभाग ने हरियाणा विधानसभा भवन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा 10 एकड़ भूमि देने और बदले में हरियाणा सरकार द्वारा 12 एकड़ भूमि देने के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों स्थलों की पहुंच और शहरी योजना के दृष्टिकोण से मापदंड समान नहीं हैं।
विभाग ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा दी गई भूमि से एक प्राकृतिक ड्रेन गुजरती है, जो भूमि को दो हिस्सों में विभाजित करती है। इस प्राकृतिक ड्रेन के पास निर्माण करना संभव नहीं है क्योंकि यह काफी चौड़ा है। जमीन के लिए 550 करोड़ की राशि ÷ जुलाई 2022 में जयपुर में एनजेडसी की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ की ओर से रेलवे स्टेशन से आईटी पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दिए जाने का प्रस्ताव है। बदले में हरियाणा से 12 एकड़ जमीन ली जाएगी।
जो मनसा देवी कांप्लेक्स के पास 12 एकड़ जमीन है, यह इको सेंसटिव जोन में आती है। जिस पर केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर बदलाव कर दिए हैं। जिसके तहत अब जमीन में जो रुकावट थी, वह दूर हो गई है। हरियाणा सरकार पहले जमीन के लिए 550 करोड़ की राशि देने के लिए भी तैयार था। ✍️ MANJEET SANSANIWAL </