https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1494766442523857 मानसून में होने वाले रोगों से हो परेशान तो निजात दिलाये देशी उपचार ÷

मानसून में होने वाले रोगों से हो परेशान तो निजात दिलाये देशी उपचार ÷

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 मानसून के मौसम में काफी बीमारियां अपने पैर फैलाने लगती है। इस मौसम में डेंगू और आंखों की बिमारियां सामान्य होती हैं। हालांकि एलोपैथी में इसका इलाज संभव है , लेकिन आप चाहें तो इनसे बचने‌ के लिए कुछ देशी उपचार भी अपना सकते है। मानसून रोगों के लिए देशी उपचार                                                                                                                                                                  मानसून तपिश और गर्मी से राहत दिलाता है लेकिन दूसरी तरफ इस मौसम में बीमारियों के होने की संभावना भी बढ़ जाती है । इस समय मलेरिया , डेंगू , चिकनगुनिया जैसी बीमारियां ज्यादा होती है। इस दौरान वायरल संक्रमण भी ज्यादा होता है। इन बीमारियां से बचाव के लिए चिकित्सक के पास जाने की बजाय आप अपने घर में मौजूद औषधियों से मानसून में होने वाली बीमारियों का ईलाज किया जा सकता है। मानसून की बीमारियों से राहत दिलाने के लिए देशी तरीके कारगर साबित होते हैं। हम इस आर्टिकल के माध्यम से मानसून की बीमारियों और उनसे बचाने वाले देशी तरीकों की जानकारी देते हैं।                                                                                                                                                मानसून की बीमारियां और देशी तरीके    ÷                                                                     डेंगू   ÷      डेंगू बुखार एंडीज मच्छर से फैलता है। डेंगू को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है। लेकिन घर पर पानी का जमाव न होने के द्वारा आसानी से संक्रमण से बचा जा सकता है जो कि इससे बचने के लिए आप इन देशी तरीकों को आजमा सकते हैं । संतरे का रस जरूर पीना चाहिए  , क्योंकि यह पाचन में मदद करता है और एंटीबॉडी को बढ़ाता है जो थके शरीर को चुस्ती देता है। पपीते के पत्तों का रस जरूर पीने से लाभ होता है। यह रक्त प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाता है। पपीते के पत्तों लेकर जूस बनाकर पीने से डेंगू में फायदा होता है।                                                                                                                                                            कंजक्टिवाइटिस  ÷   इस बीमारी के होने पर आंखें लाल हो जाती है। कंजक्टिवाइटिस सामान्यत वायरल के कारण जाना जाता है और कुछ मामलों में जीवाणु संक्रमण के कारण होता है। कंजक्टिवाइटिस के लिए देशी उपचार ये है। आंखों से पानी पूछने के लिए साफ़ कपड़े का उपयोग करें। ऑई मेकअप और काॅनंटेक्ट लेंस का उपयोग न करें। आंखों को न मसले। अपने हाथों को दिन में कई बार साबुन और पानी से साफ करते रहिए , आंखों में बार - बार छींटे मारते रहने से आराम मिलता है।                                                      

                                                                  वायरल संक्रमण   ÷   मानसून में वायरल संक्रमण ज्यादा फैलता है । वायरल संक्रमण के कारण अत्यधिक थकान  , जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द  , नाक का बहाना  , आंखों का लाल होना  , टांसिल में सूजन जैसी समस्या हो सकती है । वायरल संक्रमण के लिए देशी तरीके निम्न हैं। फलों का सेवन अधिक करें। विशेष रूप से उन फलों का जिनमें विटामिन भी अधिक है , क्योंकि यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। हमारे शरीर से टॉक्सीन को बाहर निकालता है। गुनगुने नमक के पानी के साथ गरारे करने से आराम मिलता है। सूप का सेवन करें और हल्का खाना खाएं। गर्म पानी में अपने पैर डालें और उन्हें पोंछे लें। तुलसी , अदरक और शहद के रस का सेवन करने से फायदा होता है। चाय में एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर पीने से आराम मिलता है। पानी में नीम के पते उबाल लें और इसके साथ नहाएं , सरसों का धुंआ , नीम रोगाणुओं को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका है। इन देशी तरीके को अपनाकर आप बारिश में होने वाली बीमारियों से स्वयं को सुरक्षित रख सकते हैं। हां , अगर आपको किसी प्रकार का लाभ होता नजर न आए तो बिना देर किये फ़ौरन डाॅक्टर से संपर्क करें। याद रखें कि इनमें से कई देशी उपाय आप डॉक्टर की दवाओं के साथ भी आज़मा सकते हैं।                           ✍️   MANJEET SANSANIWAL 


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