👉 हेल्थ एंड टिप्स के इस आर्टिकल में सर्दी - जुकाम की सम्पूर्ण जानकारी देने की कोशिश करेंगे।
सर्दी - ज़ुकाम क्यों होता है। सर्दी - ज़ुकाम कितने प्रकार से हो सकता है। सर्दी - ज़ुकाम के लक्षण क्या हैं। सर्दी - ज़ुकाम में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। सर्दी - ज़ुकाम क्या खाना चाहिए। सर्दी - ज़ुकाम क्या नहीं खाना चाहिए। सर्दी - जुकाम में डाक्टर से कब मिलना चाहिए। सर्दी - ज़ुकाम में डाक्टरों द्वारा दि जाने वाली दवाएं कोन - सी है। सर्दी - जुकाम से शरीर के कोन - से अंग प्रभावित होते हैं। सर्दी ज़ुकाम कितना ख़तरनाक है । सर्दी - ज़ुकाम में आयुर्वेदिक इलाज क्या है आदि जानकारी प्रदान करने की कोशिश करेंगे। तो चलिए
👉 सर्दी - ज़ुकाम क्यों होता है ➡️
जब हमारा शरीर मौसम के अनुसार एडजस्ट नहीं करता है तो हम मौसमी रोगों के शिकार हो जाते है।मौसम के बदलाव के दौरान व्यक्ति का शरीर वातावरण में हो रहे बदवाल को नहीं झेल पाता है और सर्द-गर्म के असर से सर्दी-जुकाम से ग्रसित हो जाता है। सर्दी की शुरुआत नाक से होती है पर धीरे-धीरे इसका असर पूरे शरीर पर होने लगता है। जुकाम की कोई चिकित्सा नहीं है। इस स्वतः कम होने वाली बीमारी में आयुर्वेदिक इलाज ज्यादा उपयोगी होती है।
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👉 सर्दी - जुकाम कितने प्रकार से हो सकता हैं ➡️
200 से ज़्यादा वायरस सामान्य सर्दी-जुकाम का कारण बन सकते हैं । यहाँ सबसे आम प्रकार दिए गए हैं:-
1. rhinovirus
अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, सभी सर्दी-जुकाम में से 10-40% राइनोवायरस के कारण होते हैं। राइनोवायरस 100 प्रकार के होते हैं। वे अत्यधिक संक्रामक होते हैं लेकिन आम तौर पर बहुत हल्के होते हैं।
2. कोरोना वाइरस
लगभग छह प्रकार के मौसमी कोरोनावायरस हैं जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं और बीमारी का कारण बन सकते हैं।
3. अधिकांश प्रकार के कोरोना वायरस के कारण श्वसन संक्रमण के हल्के से मध्यम लक्षण उत्पन्न होते हैं, जिन्हें गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS) के रूप में जाना जाता है ।
3. कोरोना वायरस का सबसे प्रसिद्ध प्रकार SARS-CoV-2 है, जो COVID-19 का कारण बनता है ।
4.एचपीआईवी
HPIV के लक्षण सबसे ज़्यादा युवा बच्चों और बड़े वयस्कों में होते हैं, लेकिन अगर कोई इस आम वायरस से संक्रमित हो जाता है तो वह बीमार हो सकता है। आम तौर पर, HPIV वाले लोगों में राइनोवायरस के कारण होने वाली सर्दी-जुकाम वाले लोगों के समान ही लक्षण होते हैं, जैसे गले में खराश, छींक आना और नाक बंद होना। एच.पी.आई.वी. के लक्षण प्रायः हल्के होते हैं तथा आराम एवं ओवर-द-काउंटर (ओ.टी.सी.) दवा से अपने आप ठीक हो जाते हैं ।
5.एडिनोवायरस
एडेनोवायरस एक और आम वायरस प्रकार है जो सर्दी का कारण बन सकता है। 50 प्रकार एडेनोवायरस के कारण होने वाले संक्रमणों में सर्दी-जुकाम के अलावा ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसे गंभीर संक्रमण भी शामिल हैं । एडेनोवायरस आंख की परत को भी संक्रमित कर सकता है और अक्सर यह नेत्रश्लेष्मलाशोथ (गुलाबी आंख) के लिए जिम्मेदार वायरस होता है।
6. आरएसवी
RSV एक आम वायरस है जो राइनोवायरस से बहुत मिलता-जुलता है। यह तेजी से फैलता है और आमतौर पर हल्के श्वसन लक्षण पैदा करता है। यह छोटे बच्चों और 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में थोड़ा अधिक आम है, लेकिन कोई भी व्यक्ति RSV से संक्रमित हो सकता है और किसी भी समय लक्षण विकसित कर सकता है। यह संभव है कि आरएसवी अधिक गंभीर संक्रमण का रूप ले ले, लेकिन आप आमतौर पर घर पर ही आराम और ओटीसी दवाओं से इसका इलाज कर सकते हैं।
👉 सर्दी - जुकाम के क्या लक्षण है ➡️
सामान्य सर्दी-जुकाम प्रायः 7 दिनों तक रहता है, लेकिन इसके लक्षण 14 दिनों तक भी रह सकते हैं।
दिन 1–3
लक्षण आमतौर पर 1-3 दिन में विकसित होते हैं। सर्दी के इस शुरुआती चरण के दौरान, लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं:-
खाँसी
खराश वाला गला
बहती नाक
भीड़
छींकना
स्वाद और गंध की कम हुई इंद्रियाँ
दिन 4–7
जैसे-जैसे आपकी सर्दी बढ़ती है, आपको अतिरिक्त लक्षण भी हो सकते हैं। 4-7 दिनों के दौरान , आपको निम्न लक्षण हो सकते हैं:-
सिरदर्द
शरीर में दर्द
थकान
नम आँखें
बहती नाक
सक्रिय अवस्था के दौरान बच्चों को बुखार भी हो सकता है।
दिन 8–10
इस चरण तक लक्षण आमतौर पर ठीक हो जाते हैं, लेकिन आपको अभी भी खांसी या थकान की शिकायत हो सकती है।
👉 सर्दी - ज़ुकाम में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ➡️
सर्दी - ज़ुकाम में निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए
1.चेहरे को छूने से बचें
सर्दी-जुकाम, बुखार और फ्लू से बचने के लिए जरूरी है, कि आप बार-बार चेहरे को न छुएं। बता दें, कई लोगों को बार-बार नाक और मुंह को छूने से की आदत होती है। इसके अलावा मास्क का प्रयोग करें और अगर परिवार में किसी को खांसी या जुकाम हो रहा है, तो उनसे भी उचित दूरी बनाकर रखें।
2.पर्याप्त पानी पिएं
पानी की कमी के कारण भी शरीर में बीमारियों के पैदा होने का जोखिम रहता है। इस मौसम में किसी भी तरह के इन्फेक्शन से बचने के लिए आप उबला हुआ पानी ही पिएं। इसके अलावा अगर सुबह उठकर खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू, लेमन ग्रास, शहद या पुदीना डालकर भी पीते हैं, तो यह भी सर्दी-जुकाम से बचाव का काम करता है।
3. भाप लें
बरसात के मौसम में भाप लेना भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। बता दें, इससे छाती में जमा बलगम तो बाहर निकलता ही है, साथ ही बंद नाक भी आसानी से खुल जाती है। इसके लिए आप चाहें तो गर्म पानी में लौंग का तेल या टी ट्री ऑयल डालकर भी भाप ले सकते हैं, क्योंकि इसमें एंटी-वायरल गुण मौजूद होते हैं।
4. गरारे करें
खांसी हो या जुकाम दोनों की परेशानियों में गरारे करना आपके लिए काफी लाभकारी रहेगा। इसके लिए हल्का गुनगुना पानी लें और इसमें एक चम्मच नमक डालकर अच्छे से मिक्स कर लें। अब जब आप इस पानी से दिन में दो-बार गरारे करेंगे, तो पाएंगे कि सर्दी-जुकाम की समस्या पास भी नहीं फटक रही है।
👉 सर्दी - ज़ुकाम में डाक्टर से कब मिलना चाहिए ➡️
ठंड के लक्षण आमतौर पर 7 से 10 दिनों तक रहते हैं। लक्षण आमतौर पर पांच दिन के आसपास चरम पर होते हैं और फिर धीरे-धीरे सुधरते हैं। हालांकि, यदि लक्षण एक सप्ताह के बाद खराब हो जाते हैं या दस दिनों के बाद दूर नहीं होते हैं, तो आपको एक अलग समस्या हो सकती है और आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।
वयस्कों के लिए: एक सामान्य सर्दी में आमतौर पर चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, रोगियों को निम्नलिखित लक्षणों में से कोई भी होने पर चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए:
लक्षण जो खराब हो जाते हैं या ठीक नहीं होते हैं
101.3 F (38.5 C) पर तीन दिनों से अधिक समय तक बुखार रहना
आवर्तक बुखार
सांस की तकलीफ
घरघराहट
गंभीर गले में खराश, सिरदर्द या साइनस का दर्द
👉 सर्दी - जुकाम में क्या खाना चाहिए ➡️
सर्दी - ज़ुकाम में खाएं जाने वाले खाद्य पदार्थ इस प्रकार है:-
1. सर्दी-जुकाम और फ्लू में लें विटामिन-सी डाइट
बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम हो गया है तो अपनी डाइट में विटामिन-सी से भरपूर फूड्स जरूर शामिल करें। विटामिन-सी शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करता है। इससे सर्दी-जुकाम और फ्लू से जल्दी रिकवरी में मदद मिलती है। इसके लिए आप संतरा, नींबू, आंवला, कीवी, ब्रोकली, शिमला मिर्च आदि को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इन चीजों को खाने से शरीर मजबूत बनता है और इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है। रोजाना विटामिन-सी लेने से जुकाम और खांसी से जल्दी राहत मिलेगी।
2. सर्दी-जुकाम और फ्लू होने पर पिएं सूप
सर्दी-जुकाम और फ्लू होने पर सूप पीना बेहद फायदेमंद होता है। सूप पीने से शरीर को गर्माहट मिलती है। इससे गले की खराश दूर होती है और बंद नाक से भी राहत मिलती है। आप वेजिटेबल या चिकन सूप का सेवन कर सकते हैं। सूप पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें विटामिन्स, प्रोटीन और मिनरल्स अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। सर्दी-जुकाम में सूप पीने से जल्दी रिकवरी में मदद मिलती है। आप सूप में अदरक, लहसुन, हल्दी और काली मिर्च जरूर शामिल करें।
3. सर्दी-जुकाम में खाएं दलिया और खिचड़ी
सर्दी-जुकाम और फ्लू होने पर हेल्थ एक्सपर्ट्स हल्का खाना (light diet) खाने की सलाह देते हैं। अगर आपको भी बदलते मौसम या सर्दी की वजह से जुकाम या खांसी हो जाती है, तो हैवी डाइट लेने से बचें। दरअसल, फ्लू की वजह से पाचन-तंत्र परेशान रहता है। ऐसे में अगर आप हैवी डाइट लेंगे, तो इससे अपच और कब्ज की समस्या हो सकती है। इसलिए आपको लाइट डाइट लेनी चाहिए। इसके लिए आप दलिया और खिचड़ी खा सकते हैं। आप चाहें तो स्टीम्ड वेजिटेबल्स का सेवन भी कर सकते हैं। ये चीजें पेट के लिए हल्के होते हैं और आसानी से डाइजेस्ट हो जाते हैं।
4. सर्दी-जुकाम में हर्बल टी पिएं
सर्दी-जुकाम और खांसी होने पर अदरक, तुलसी या लौंग की हर्बल टी पीना बेहद फायदेमंद होता है। आपको सर्दी-जुकाम से राहत पाने के लिए हर्बल टी का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है और फेफड़ों की भी सफाई होती है।
👉 सर्दी - ज़ुकाम में क्या नहीं खाना चाहिए ➡️
सर्दी - जुकाम में निम्न खाघ पदार्थों से बजना चाहिए:-
1.डेयरी प्रोडक्ट्स
यदि आपको खांसी, जुकाम (सर्दी-जुकाम के 5 घरेलू नुस्खे) या फिर सर्दी हो जाती है तो आपको सबसे पहले दूध, दही, पनीर, घी आदि के सेवन से बचना चाहिए। यह सभी पदार्थ, जो दूध से तैयार होते हैं वह म्यूकस ज्यादा बनाते हैं और लंग्स को चिपचिपा बना देते हैं। इससे आपको कफ और खांसी ज्यादा आने लगती है।
2.अल्कोहल
कई लोग चेस्ट कंजेशन को दूर करने के लिए सर्दी-जुकाम होने पर अल्कोहल का सेवन करते हैं, मगर अल्कोहल केवल आपकी इम्यूनिटी को डाउन करती है। इसलिए आपको इस दौरान अल्कोहल के सेवन से भी बचना चाहिए।
3. मीठी चीजें
आप कितना भी मीठा खाने के शौकीन हों, मगर खांसी-जुकाम की समस्या के दौरान आपको मीठा खाने से बचना चाहिए क्योंकि ये गट बैक्टीरिया के ब्रेकडाउन का कारण बन सकता है। हां, आप कम मात्रा में मीठा यदि खा रहे हैं तो इसमें कोई भी दिक्कत नहीं है।
4. मांस
यदि आपको खांसी-जुकाम की समस्या हुई है तो आपको मांसाहारी भोजन करने से भी बचना चाहिए। हो सके तो इस दौरान ज्यादा से ज्यादा पत्तेदार भोजन करें। इससे आपको जल्द ही इस समस्या से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
5.केला
बहुत सारे लोगों का मानना है कि सिट्रिक फ्रूट्स को खाने से बचना चाहिए यदि आपको खांसी-जुकाम हुआ है। मगर यह एक मिथ है। बल्कि सिट्रिक फ्रूट्स खांसी-जुकाम की वजह से आपके शरीर की कम हुई इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और आपको बीमारी से लड़ने के काबिल बनाते हैं। वहीं इस दौरान आपको केला खाने से बचना चाहिए क्योंकि केला म्यूकस को बढ़ाता है, जिससे समस्या कम होने की जगह बढ़ने लग जाती है।
👉 सर्दी - ज़ुकाम से शरीर के प्रभावित होने वाले अंग ➡️
नाक, साइनस, गले या कंठनली (ऊपरी श्वसन तंत्र का संक्रमण (URI या URTI) का तीव्र संक्रमण शरीर के उन अंगों द्वारा वर्गीकृत किया जाता है जो इससे सर्वाधिक प्रभावित होते है सामान्य ज़ुकाम मुख्य रूप से नासिका, फेरिंजाइटिस, श्वासनलिका को और साइनोसाइटिस, साइनस को प्रभावित करता।
👉 सर्दी - ज़ुकाम कितना ख़तरनाक है ➡️
अधिकतर मामलों में सर्दी - जुकाम की बीमारी गंभीर नहीं होती-इससे बेचैनी होती है। लेकिन कुछ दुर्भाग्यशाली मामलों में फ्लू से कई पेचीदगियां पैदा होती हैं। ऐसा छोटे बच्चों, वृद्धों और लम्बे समय तक बीमार रहनेवालों में होता है, जिनके शरीर की प्रतिरोधी क्षमता कम हो जाती है।
ख़तरनाक सर्दी - जुकाम से होनेवाली पेचीदगियों में जोखिम ज़्यादा होता है:
65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति
छोटे और नवजात बच्चे
दिल की बीमारियों से ग्रस्त मरीज
ब्रॉन्काइटिस और अस्थमा जैसी बीमारियों के मरीज
किडनी की बीमारी के मरीज
मधुमेह से पीड़ित मरीज
स्टेरॉयड लेनेवाले मरीज
कैंसर का इलाज करा रहे मरीज
सर्दी -जुकाम से जुड़ी कुछ पेचीदगियों में शरीर में पानी की कमी, बैक्टीरिया से होनेवाला न्यूमोनिया शामिल हैं। इनसे भी गंभीर स्थिति में सीने में रुकावट, मधुमेह और अस्थमा के मरीजों के दिल की धड़कन रुक सकती है।
👉 सर्दी - ज़ुकाम में डाक्टरों द्वारा दि जाने वाली दवाएं कोन - सी है ➡️
सामान्य सर्दी - ज़ुकाम या ठंड के वायरस के खिलाफ एंटीबायोटिक इस्तेमाल करने का कोई औचित्य नहीं। पर अगर आपको जीवाणु संक्रमण है तो इसके इस्तेमाल के बारे में विचार किया जा सकता है।
सर्दी - ज़ुकाम के लक्षणों से परेशानी अधिक होने पर ऐसी दवाएं दी जाती है जो लक्षणों को दबा देती है। जैसे सिरदर्द,बुखार, शरीर में दर्द, और खांसी को कम करने कुछ आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं ली जा सकती हैं।
दर्द निवारक
बुखार , गले में खराश और सिरदर्द के लिए, वयस्क अक्सर एसिटामिनोफेन या अन्य हल्के दर्द निवारक जैसे कि इबुप्रोफेन ,कॉम्बिफेलैम,पैरासिटामॉल की ओर रुख करते हैं। बच्चों को भी यही दवाएं लिखी जाती हैं पर उनकी आयु के अनुसार इनकी कम मात्रा ही बच्चों को दी जाती है। क्रोसिन बच्चों के लिए अच्छा विकल्प है।
चिकित्सकों की सलाह है कि कम से कम समय के लिए इन दवाओं का प्रयोग करें और साइड इफेक्ट से बचने के लिए दिशा निर्देशों का पालन करें। यदि आपको सही खुराक के बारे में नहीं पता है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
नेज़ल स्प्रे
सर्दी ज़ुकाम में नाक बंद होने से परेशानी काफी बढ़ जाती है। ऐसे में नेज़ल स्प्रे का प्रयोग करना अच्छा रहता है। वयस्क पांच दिनों तक डीकंजेस्टेंट स्प्रे का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि इसे भी बहुत लंबे समय तक उपयोग नहीं करना चाहिए। 6 साल से कम उम्र के बच्चों को डीकंजेस्टेंट स्प्रे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
कफ सिरप
बाज़ार में कई ऐसे कफ सिरप मौजूद हैं जो आप सामान्य सर्दी खांसी के लक्षणों में मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं।ये पके गले की खराश को कम कर के खांसी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। सर्दी ज़ुकाम में लिखी जाने वाली कुछ दवाएं इस प्रकार हैं-
एस्प्रिन और कोडीन-ये दोनों दवाएं एनलजेसिक हैं जो हल्के या ज्यादा शरीर के दर्द के लिए दी जाती हैं।
बेंज़ोनेट-ये फार्मूला खांसी के लक्षणों को दबाने में कारगर है और ज्यादा खांसी आने पर इसे लेने की सलाह दी जाती है।
क्लोरफेनिरामीन- यह दवा एक एंटी हिस्टामीन है जो एलर्जी को कम करने के लिए दी जाती है।ये बहती नाक,ज्यादा आंसू आना,चींके आने जैसे लक्षणों को दबाती है।
क्लोरफेनिरामीन ,हाइड्रोकोडोन,सूडोफेडरीन- ये कॉम्बो एंटीहिस्टामीन है और कांसी को लक्षणों को नियंत्रित करता है।यह कफ और एलर्जी पर कारगर है और सामान्य सर्दी ज़ुकाम में दिया जाता है।
कोडीन- यह एक दर्द निवारक है जो शरीर दर्द और खांसी में दिया जाता है।
कोलिस्टिमिथेट इंजेक्शन- ये इंजेक्शन पॉलिमाक्सिन एंटीबायोटिक है और इसे बैक्टीरिया के संक्रमण वाले मामलों में देने की सलाह दी जाती है।
ग्वाफेनेसिन- इस दवा को छाती की जकड़न दूर करने के लिए देने की सलाह दी जाती है।
होमाट्रोपीन- यह दवा एक एंटीकॉलिनर्जिक एजेंट है जो सूखी खांसी में हाइड्रोकोडोन के साथ लेने की सलाह दी जाती है।
हाइड्रोकोडोन और क्लोरफेनिरामीन-यह कॉम्बिनेशन एंटीहिस्टामीन और खांसी को दबाने के लिए दिया जाता है।
लिवोड्रोप्रोपिज़ीन- यह एक एंटीट्यूसिव है जो खांसी के लिए दिया जाता है।
नोस्कापीन- यह एक एंटीट्यूसिव है जो खांसी के लिए दिया जाता है।
ऑक्सीमेटाज़ोलीन –यह एक डीक्जेस्टेंट है और नाक एवं साइनस में सर्दी ज़ुकाम के कारण जमा कफ को ठीक करने के लिए दिया जाता है।
नोट इस आर्टिकल में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
✍️ मंजीत सनसनवाल 🤔