पितृदोष निवारण
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पितृदोष निवारण में शिवलिंग का बड़ा महत्व है |
क्या करें अर्पित पितृदोष होगा शांत ÷
शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने से भी पितृ दोष शांत होता है और साधक को पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इतना ही नहीं, शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करने से जातक को राहु के दुष्प्रभाव से भी मुक्ति मिल सकती है। अमावस्या के दिन पूजा का विशेष महत्व ÷ शिव पुराण में वर्णन मिलता है कि पितृ दोष से मुक्ति के लिए जातक को अमावस्या के दिन पितृ दोष निवारण के लिए पूजा करवानी चाहिए और गीता का पाठ करना चाहिए। साथ ही इस दिन पर दान-पुण्य कर, ब्राह्मणों को भोजन भी करवाना चाहिए। इससे भी साधक को अपनी स्थिति में लाभ देखने को मिल सकता है। विशेष बातों का रखें ध्यान ÷ पूजा के दौरान कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। शिवलिंग के बाईं ओर से परिक्रमा शुरू करें और आधी परिक्रमा करने के बाद अपने स्थान पर आ जाएं। इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि शिवलिंग के जलहरी ( जहां से जल नीचे की तरफ गिरती है) को कभी भी लांघना नहीं चाहिए। इसी के साथ शिवलिंग पर तुलसी, सिंदूर, हल्दी, नारियल, शंख और केतकी के फूल आदि अर्पित न करें। नोट ÷ इस आर्टिकल में बताई गई बातए केवल सामान्य सूचना के लिए है। ये सभी सूचनाएं धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से ली गई है। हम इस बात का समर्थन नहीं करते है कि आर्टिकल में बताई गई सूचना 100%निवारण का समाधान है। ✍️ मंजीत सनसनवाल 🤔